अस्तित्व
जीतकर तो सभी हैं हँसते
जीतकर तो सभी हैं हँसते
हार में भी मुस्कुराए,
तो तू है
अपनों लिए सभी करते
अनजान लिए कुछ कर
जाए, तो तू है
बाहरी दुनिया सभी
जानते
अंदर गर झाँक पाये,
तो तू है
आकाश में उड़ना सभी
चाहते
धरा पे चलना सीख जाए,
तो तू है
अपना नज़रिआ सभी पालते
सम्मुखी
का भी समझ पाए, तो तू है
आगे-आगे सभी दौड़ते
हमराही के लिए रुक
जाए, तो तू है
मृत के लिए सभी रोते
कातिल के लिए भी आंसू
आए, तो तू है
बातों से तो सभी बताते
मौन तेरा कुछ कह जाए,
तो तू है
नशे को जीवन सभी बनाते
जीवन को नशा बनाए,
तो तू है
रासलीला रचाना सभी
जानते
मीरा जैसा प्रेम निभाए,
तो तू है
मुश्किल बातें सभी
समझते
सरल बात जो जी जाए,
तो तू है |